राजस्थान

समाज की दशा एवं दिशा तय करते हैं शिक्षक- राजेंद्र व्यास Teachers decide the condition and direction of the society- Rajendra Vyas

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन का समापन शनिवार को संघ के‌ परिवाद समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा की अध्यक्षता एवं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेंद्र व्यास के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में सदर थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज, शहर कोतवाल सहदेव मीणा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान,प्रदेश महामंत्री शंभू सिंह मेड़तिया, महासंघ संरक्षक पुरुषोत्तम  पारीक, प्रदेश कोषाध्यक्ष सीताराम शर्मा, प्रदेश मंत्री दशरथ सिंह सोलंकी,भंवरा राम जाखड़, नवीन व्यास, प्रदेश महिला मंत्री सुगना मीणा , धौलपुर जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा,पाली जिलाध्यक्ष जवरीलाल प्रजापत, सवाई माधोपुर के हरी शंकर गुर्जर मंचासीन रहे।

समाज की दशा एवं दिशा तय करते हैं शिक्षक- राजेंद्र व्यास Teachers decide the condition and direction of the society- Rajendra Vyas

मुख्य अतिथि जिशिअ राजेंद्र व्यास ने कहा कि शिक्षक समाज की दशा एवं दिशा तय करते हैं। बीते सालों में शिक्षकों ने अथक मेहनत कर सरकारी स्कूलों का नामांकन बढ़ोतरी के साथ श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम देकर बेहतरीन कार्य किया है। अध्यक्षीय उद्बोधन में संघ की परिवार समिति के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा ने कहा कि प्रजातंत्र में शिक्षक संगठन बेहद जरूरी है। संगठनों के माध्यम से ही लगातार समस्याओं के निस्तारण होते रहे। संगठन के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने सरकार से मांग पत्र में शामिल शिक्षकों की वाजिब समस्याओं का जल्द निराकरण करने की मांग रखी। समारोह के दौरान सीआई अरविंद भारद्वाज, प्रदेश महामंत्री शंभू सिंह मेड़तिया,धौलपुर जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किए। समापन समारोह के दौरान जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित बूंदी की सभी शाखाओं के अध्यक्ष मंत्री व पदाधिकारियों का प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन प्रदेश मंत्री दशरथ सिंह सोलंकी ने तथा आभार जिलाध्यक्ष गोपाल मीणा ने व्यक्त किया।

खुले अधिवेशन में शिक्षकों ने इन मांगों पर की चर्चा ,समेकित कर सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने का हुआ फैसला

संगठन जिलाध्यक्ष गोपाल मीणा ने बताया कि खुले अधिवेशन के दौरान शिक्षकों ने विद्यार्थियों की सुचारू शिक्षण हेतु शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, उप प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती के प्रावधान लागू करने, एनपीएस योजना में से आहरित 25 फीसदी राशि की बसूली पर रोक लगाने , तृतीय श्रेणी शिक्षक स्थानांतरण नीति, स्कूलों में आठवीं तक के विद्यार्थियों को दी जाने वाली यूनिफार्म में कपड़े की बजाय सिली हुई ड्रेस उपलब्ध कराने अथवा बाजार भाव से सिलाई की राशि प्रति यूनिफार्म बढ़ाने, स्कूलों में पड़े हुए मिल्क पाउडर की रखवाली से शिक्षकों को मुक्त कर योजना को शुरू करने, उच्च माध्यमिक स्कूलों को कक्षा एक से आठवीं तक स्वतंत्र करने, टीएसपी व प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण सामान्य श्रेणी के जिलों में करने, पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू कर राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद करने, वरिष्ठ अध्यापक तथा व्याख्याताओं की लंबे समय से चल रही वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए केंद्र के समान ग्रेड पे निर्धारित कर पे रिवाइज्ड करवाने, सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति के वर्तमान नियमों में बदलाव कर सामाजिक विज्ञान, हिंदी, कॉमर्स ,व कृषि के शिक्षकों को पदोन्नति में संख्यात्मक आधार पर विशेष अवसर मुहैया करवाने, नए संविदा नियमों में संशोधन कर योग्यताधारी शिक्षाकर्मी, पैराटीचर की पुरानी सेवा की गणना कर स्थाई करने आधार पर लाभ दिए जाने जैसी मांगों के प्रस्ताव सरकार को भिजवाने का निर्णय लिया ।