राजस्थान

“ओ बापू, ओ भैया ! जीवन है रंगीन, धूम्रपान से इसे न बनाओं गमगीन”

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- भावी पीढ़ी तंबाकू, इससे बने उत्पादों तथा धूम्रपान के जानलेवा दुष्प्रभावों से बेहद चिंतित व अकोशित है यह बात भारत स्काउट गाइड द्वारा शनिवार को पेच ग्राउंड स्थित स्काउट गाइड भवन पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में रंगों के माध्यम से तथा परिचर्चा कार्यक्रम में अभिव्यक्ति द्वारा प्रकट की गयी।

शिविर संचालक बुद्धि प्रकाश पुंडीर ने बताया कि अभिरुचि शिविर के माध्यम से भावी पीढ़ी को धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के खतरों से रूबरू करवाने के उद्देश्य से पोस्टर प्रतियोगिता तथा किशोर परिचर्चा व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। समन्वयक सर्वेश तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में किशोरों ने सक्रियता से भाग लेकर दुर्व्यसनों के प्रति गहरा रोष प्रकट किया। सम्भागी अक्षत मंडोवरा ने तंबाकू का बढ़ता राज व अस्त व्यस्त होता मानव जीवन, लक्ष्यदीप कौर ने अमीरों के जीवन को लीलती सिगरेट की अभिव्यक्ति दी वहीं लक्षिता गौतम ने गरीबों की मौत बनती बीड़ी के दुष्प्रभावों पर ‘बीड़ी पीकर खांस रहा है अरे मौत के आगे क्यों नाच रहा है’ उद्बोधन के साथ जनचेतना जागृत की। कशिश,कृतिका, रुंझिला व खुशी पांचाल ने गुटखे, पान मसाला व अन्य सामग्री से कैंसर, अस्थमा, अल्सर जैसी पीड़ादायक जानलेवा बीमारियों पर चिंता प्रकट क़ी। तिवारी ने किशोरों में फैशन दिखावा व मीडिया के प्रभाव में बढ़ती धूम्रपान की आदत को घातक बताते हुए संभागियों को इसके प्रति परिवार व समाज मे सामूहिक प्रयासों से जनचेतना का संकल्प दिलाया। दल नायक व प्रभारी अल्का जैन, दीपिका अग्रवाल, सानिया परवीन, इरम, दुर्गेश शुक्ला, स्वीटी सोनी, इशिका, खुशी कुमारी सिंह, लक्ष्मी राठौर, पूजा, रूप कंवर, चंचल सुमन, रिया सैनी तथा सलोनी तंवर ने अपनी अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम संचालन प्रमोद श्रृंगी ने किया।

इसी क्रम में तंबाकू निषेध दिवस कार्यक्रमों की श्रंखला में स्कूली बच्चों की पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जूनियर वर्ग में दीपिका पाराशर व वरिष्ठ वर्ग में उम्मेहबीबा के निर्देशन में बच्चों ने रंगों के माध्यम से धूम्रपान व तंबाकू के घातक प्रभावों को चित्रित किया। विभिन्न जनचेतनाकारी नारों के माध्यम से सम्भागी शिविरार्थियों ने धूम्रपान से दूर रहने का जनचेतना कारी वातावरण निर्मित किया। संयोजक रामलाल मेघवाल ने बताया कि प्रतियोगिता में पांच दर्जन से अधिक प्रतियोगियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा “ओ बापू, ओ भैया ! जीवन है रंगीन, धूम्रपान से इसे न बनाओं गमगीन” तम्बाकू को ना, जीवन को हाँ कहें जैसे संदेशों के माध्यम से तम्बाकू उत्पादों के स्वास्थ्य पर खतरों को चित्रित किया। ट्रेनिंग काउंसलर शंभू दयाल शर्मा ने आभार प्रकट किया। प्रशिक्षक मीना कुमारी बैरवा, कमलेश दाधीच, नैना सैनी, प्राची शर्मा, रोवर लीडर लोकेश सैनी, कैलाश बाई, मीना मीणा ने आयोजन में विशेष सहयोग प्रदान किया।