राजस्थान

ऐतिहासिक ही नही अब इको टूरिज्म का हब बनेगा बून्दी-तरुण कुमार मेहरा

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  – बून्दी ऐतिहासिक पर्यटन का प्रमुख केन्द्र रहा है, लेकिन रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व बनने से अब यह इको ट्यूरिज्म का हब बनेगा। ऐसा कहना हैं वन्य जीव सहायक वन संरक्षक तरुण कुमार मेहरा का। तरुण कुमार मेहरा बाघ दिवस पर उमंग संस्थान और रानी रोहिणी कुमारी राजपूत महिला फ़ाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित संगोष्ठी मे अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। मेहरा ने बाघ के प्रति सकारात्मक जागरुकता के प्रयासों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि टाइगर रिजर्व से विकास के नये अवसर सृजित होंगे, आवश्यकता केवल जनता के सहयोग और सकारात्मक प्रयासो की हैं।

 

“रामगढ विषघारी टाईगर रिजर्व और पर्यटन विकास की सम्भावनाएं ” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में सहायक वन संरक्षक चन्द्रमोहन गुप्ता, जन सम्पर्क अधिकारी रचना शर्मा, पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी विशिष्ट अतिथि रहे। इन्टेक सचिव व अधिवक्ता राजकुमार दाधीच पर्यावरणविद और वन्यजीव प्रेमी विट्टल सनाढ्य, पृथ्वी सिंह राजावत, रामप्रसाद बोयत रेंजर बून्दी, धर्मराज गुर्जर रेंजर जैतपुर वक्ता के रुप में सहभागिता की।

सहायक वन संरक्षक चन्द्रमोहन गुप्ता ने कहा कि वेदो मे भी वर्णित हैं कि जंगल की रक्षा बाघ करता है और बाघ की सुरक्षा जंगल करता है। यह मौका न केवल जंगल बचाने का हैं अपितु जिले के विकास और अवसर तलाशने का हैं। समन्वय, सार्थकता और सकारात्मकता के साथ इच्छाशक्ति को बढाना होगा। पर्यटन अधिकारी विवेक जोशी ने रामगढ रिजर्व का स्वागत करते हुए इको ट्युरिज्म की आवश्यकता और अवसरों के सृजन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में रानी रोहिणी कुमारी राजपूत महिला फ़ाउण्डेशन की अध्यक्ष रानी रोहिणी कुमारी हाडा और उमंग संस्थान के उपाध्यक्ष लोकेश जैन ने शाब्दिक स्वागत करते हुए गतिविधियों की जानकारी दी।

संगोष्ठी में संबोधित करते हुए इन्टेक के राजकुमार दाधीच, वन्यजीव प्रेमी विट्टल सनाढ्य, पृथ्वी सिंह राजावत ने वन और पर्यटन के विकास के लिए किए गए जन प्रयासों के बारे बताते हुए कहा कि यहाँ के वातावरण और जंगल बाघ के लिए मुफ़िद हैं, रामगढ में बाघ स्वत: आते हैं। यहाँ के वन क्षेत्र वनस्पति और वन्य जीवों से भरपूर हैं।
इस अवसर पर वन्य जीव प्रेमी विट्टल सनाढ्य ने सहायक वन संरक्षक तरुण कुमार मेहरा के माध्यम से राज्य सरकार से रामगढ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में वृद्धि करवाते हुए हिन्डोली के कालदा वन क्षेत्र और तलवास अजीतगढ किला वन क्षेत्र को जोड़ने की मांग भी की। पृथ्वी सिंह राजावत ने प्रजेन्टेशन के द्वारा कालदा वन क्षेत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

वहीँ रेंजर रामप्रसाद बोयत और धर्मराज गुर्जर ने विभागीय प्रयासों के साथ बाघ के बारे में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर टाइगर पर जागरुकता प्रश्नोत्तरी का ऑनलाइन विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
सर्वेश तिवारी द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में रानी रोहिणी कुमारी फ़ाउण्डेशन की सचिव रीना राणावत ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर कापरेन महाराजा बलभद्र सिंह, कुँवर वंशवर्धन सिंह, उमंग संस्थान की अध्यक्ष सविता लौरी, उपाध्यक्ष लोकेश जैन, विनोद गौतम, सचिव कृष्ण कान्त राठौर, अशोक तलवास, रेखा सोलंकी, राजप्रभा, कुश जिन्दल, गुरमीत सिंह , जय सिंह सोलंकी, गणेश कंवर, ज्योत्सना, अर्पिता, मूलचन्द शर्मा, जोगेन्द्र सिंह, पवन सिखवाल, अश्विनी कुक्की सहित विभिन्न संस्थाओँ के प्रतिनिधि, पर्यटन और वन्य प्रेमी मौजुद रहे।

 

दलेलपुरा वन नाके पर किया पौधारोपण..
इससे पूर्व उमंग संस्थान के एक पौधा मेरा भी कार्यक्रम के तहत रामगढ रिजर्व के दलेलपुरा वन नाके पर फ़लदार पौधों का रोपण कर वन विकास में एकजुटता का संकल्प लिया गया। यहाँ पर बलभद्र सिंह, रानी रोहिणी कुमारी राजपूत महिला फ़ाउण्डेशन की अध्यक्ष रानी रोहिणी हाडा, कुँवर वंशबर्धन सिंह, रेंजर रामप्रसाद बोयत, वन्यजीव प्रेमी विट्टल सनाढ्य, उमंग संस्थान के सचिव कृष्ण कान्त राठौर, एक पौधा मेरा भी के संयोजक गुरमीत सिंह, कार्यक्रम प्रभारी कुश जिन्दल, जय सिंह सोलंकी, गणेश कन्वर, केशव भाटी, जोगेन्द्र सिंह, कनिष्क गौतम, सुरेन्द्र सिंह, उमादेवी सहित अन्य मौजुद रहे।