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कर्म और धर्म से नंदवाना समाज ने बनाया विशेष मुकाम- बिरला

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- दीगोद तहसील का निमोदा हरिजी गांव बुधवार को धर्म और आध्यात्म के रंगों में रंगा नजर आया। गांव में 1968 में निर्मित मां वक्रांगी के मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तथा शत चंडी यज्ञ में भाग लेने के लिए भारत ही नहीं विदेशों तक से नंदवाना समाज के लोग पहुंचे। उत्साह और उमंग के बीच भक्तों के जयकारों और मंत्रों ने माहौल को पवित्रता से परिपूर्ण कर दिया।

कार्यक्रम में पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी मंदिर में मां वक्रांगी के दर्शन किए। उन्होंने भगवान गणपति, महासरस्वती, महालक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा में भी भाग लिया। इसके बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पीकर बिरला ने देश और समाज की प्रगति में योगदान के लिए नंदवाना समाज की तारीफ की।

स्पीकर बिरला ने कहा कि बाड़मेर के चैहटन से निकलने के बाद नंदवाना समाज आज पूरे विश्व में अपनी जड़ें जमा चुका है। वे जहां भी जाते हैं अपने परिश्रम और पुरूषार्थ से अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाते हैं। सत्य, सेवा, समर्पण के मार्ग चलते हुए उन्होंने परिवार से पहले समाज तथा समाज से पहले देश को महत्ता दी है। कर्म और धर्म के क्षेत्र में भी नंदवाना समाज ने विशेष मुकाम स्थापित किया है।

उन्होंने आज सबके सामूहिक प्रयासों से मां के मंदिर का भव्य स्वरूप साकार हुआ है। यह मंदिर हाड़ौती ही नहीं सम्पूर्ण देश में आध्यात्म की गंगा प्रवाहित करेगा। यही आज भारत में हो रहा है। आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए एक नई ऊर्जा और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। नए भारत के निर्माण की जिस प्रक्रिया से आज देश गुजर रहा है, उसमें प्रत्येक हिन्दुस्तानी का योगदान है।

*हर क्षेत्र में अनूठी छाप छोड़ता है नंदवाना समाज *
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि अपनी विद्वता और परिश्रम से नन्दवाना समाज हर क्षेत्र में अपनी अनूठी छाप छोड़ रहा है। शिक्षा से लेकर उद्योग और नौकरी से लेकर व्यापार हर क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल कर देश की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

विदेशों तक से भाग लेने आए पावणे
निमोदा हरिजी गांव में नंदवाना समाज की ओर से मां वक्रांगी के मंदिर की स्थापना 1968 में की गई थी। इसके बाद अब करीब 54 वर्ष बाद नंदवाना समाज ने एक बार फिर मंदिर को भव्य स्वरूप देने का निर्णय किया। मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमरीका सहित कई अन्य देशों से समाज के लोग भी कोटा आए। इनमें से कई परिवार तो ऐसे हैं जिनके बच्चे पहली बार भारत आए। पांच दिन चल इस आयोजन के दौरान इन परिवारों ने अधिकांश समय गांव में ही व्यतीत किया।
राम कृपा से श्रवण करने को मिलती है राम कथा
स्पीकर ओम बिरला बुधवार को धरणीधर गार्डन में चल रही रामकथा के पूर्णाहुति में भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर व्यास पीठ को नमन करने के बाद उन्होंने कहा कि राम कृपा से ही राम कथा को श्रवण करने का सुअवसर मिलता है। भगवान राम हमारी आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। जो व्यक्ति अपना सबकुछ प्रभु राम को समर्पित कर देता है, प्रभु राम उसका बेड़ा पार लगा देते हैं। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद ही हमें परमार्थ और कल्याण की प्रेरणा देता है।