राजस्थानस्वास्थ्य

कहीं आपके घर में तो पैदा नहीं हो रहे मच्छर

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com– यदि आपके घर में कूलर या फिर छत पर रखी टंकी तो उसे तुरंत खाली कर लें। इसके अलावा कहीं पर भी लीकेज से अथवा बरसाती जमा पानी हो रहा हैए तो उसे भी तुरंत खाली करें। क्योंकि थोड़े से पानी में ही हजारों.लाखों मच्छरों का लार्वा पनप रहा होता है। हम सभी को अपने.अपने घरों का ध्यान रखना होगा। कहीं ऐसा न हो कि कई दिन से भरे इस पानी में मच्छर , लार्वा पनप रहा हो क्योंकि यही मच्छर डेगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व जीका वायरस जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनता है।

सीएमएचओ डाॅ0 महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मौसम में बदलाव आ रहा है। ऐसे में हमें अब कोविड संक्रमण के साथ.साथ मच्छरजनित बीमारियों से अपना व अपने परिवार का बचाव करना होगा। उन्होंने का कि मच्छर केवल बाहर नहीं होतेए बल्कि हमारे घर के अंदर ही पैदा हो रहे हैं। हमें अपने घर के अंदर होने वाले मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए तैयार रहना होगा ताकि हम इससे होने वाले बीमारियों से बच सकें।

डाॅ0 त्रिपाठी ने कहा कि मौसम में बदलाव आने के साथ अब कूलर बंद हो रहे हैं, लेकिन उसमें जमा पानी मच्छरों का प्रजनन केन्द्र बन रहा है। ऐसे में हमें चाहिए कि घरों में कूलरों का पानी निकालकर उसे साफ कर लें। अब जरूरी हो तो बिना पानी के कूलर चला सकते हैं। कूलर के उपयोग में ना आने परए कूलर के पैडस् को धूप में सूखा के रखें। उन्होने बताया कि इसके अलावा घरों की छतों पर पड़ी टंकियांए टायर एवं खाली डिब्बे जिनमें बारिश का पानी इकट्ठा हुआ हैए उसे भी नष्ट कर दें या तो उसमें केरोसिन डाल देंए ताकि उसमें मच्छर का लार्वा न पनप सके।

डाॅ0 त्रिपाठी ने कहा कि स्नानघर और शौचालयों की नियमित फिनाइल से सफाई करें एवं कहीं पर भी पानी जमा ना होने दें। गीले कपड़ों को स्नानघर में ना सुखाएं। गंदे बतर्नए सब्जियों के एकत्रित कचरे की वजह से रसोईघर भी आसानी से गंदा हो जाता है। समय पर साफ.सफाई ना होने से रसोई घर में भी मच्छर प्रजनन हो सकते हैं। रसोई में जो हम खाना बनाते हैए वह भी मच्छरों से प्रदूषित ना हो इसका हमें ध्यान देना चाहिए। बाग.बगीचों में भी पेड़.पौधों को दिया हुआ पानी कई बार इकट्ठा हो जाता हैए जो मच्छरों का घर बन जाता है। बगीचे से अनावश्यक वस्तुओं और कचरे को हटा दें। अपने बगीचे मे नीलगिरिए सिट्रोनेला और युकलिप्टुस के पौधे लगाए। इसके अलावा फ्रिज की ट्रेए वाशबेसिन सिंक के नीचेए कोठरी मेंए फनीर्चर के नीचेए या कपड़े धोने के कमरे में आपको मच्छर या लावार् आसानी से मिल सकते हैं, जिसकी नियमित सफाई आवश्यक है।

ऐसे रखें बचाव....
डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि साफ.सफाई के साथ.साथ हमें बाहर से आने वाले मच्छरों से भी बचाव रखना होगा। रात के समय ढीले और पूरी तरह से ढके हुए कपड़े पहनें। रात में खुद को बचाने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें। खिड़की एवे दरवाजों पर जाली लगवाएं, जिससे आप मच्छरों को घर के अंदर आने से रोक पाएं। मच्छरों से बचाव के लिए घर में रहते हुए गुडनाइट एक्टिव सिस्टम का उपयोग करें और मच्छरों को दूर भगाएं। उन्होंने कहा कि दिन में मच्छर ज्यादातर अंधेरी जगहों, दीवार के कोनोंए परदों के पीछेए सोफे, बेड, टेबल आदि के नीचे छुपे रहते हैं। मच्छरों को अपने घर से दूर रखने के लिए रोजाना इन जगहों की अच्छी तरह से सफाई करें। मच्छर शाम और रात में रोशनी की ओर आकषिर्त होते हैंए इसलिए शाम को जरूरत पडने पर ही कमरों में लाइट जलाएं। मच्छर भगाने की क्वाइल को अधिकतर लोग रात में जलाते हैंए लेकिन मच्छर दिन में भी काटते हैंए इसलिए इन्हें दिन में भी इस्तेमाल करना चाहिए। मच्छरों से बचने का सबसे अच्छा

उपाय यह है कि आप खुद भी पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें और बच्चे को भी ऐसे ही कपड़े पहनाएं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कपड़ों का रंग हल्का होए क्योंकि गहरे रंगों की तरफ मच्छर जल्दी आकषिर्त होते हैं।

विभाग द्वारा मौसमी बीमारियों पर रोकथाम के निरंतर एवं प्रभावी प्रयास…..
डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। चिकित्साकमिर्यों द्वारा निरंतर सोर्स रिडेक्शन और एंटीलावर्ल गतिविधियां की जा रही हैं। मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग के चिकित्साकर्मी निरंतर जलस्त्रोतों में एमएलओ और टेमिफोस का छिड़काव कर रहे हैंए जिससे मच्छरों की व्यत्पत्ति पर रोक लगाकर डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर रोकथाम लगाई जा सके। डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि जिले के नवाचार के अन्तगर्त सवेर् टीमो को यह आदेश जारी किए गए है कि कूलर के पानी मे लार्वा पाया जाता है तो उसे तुरन्त खाली करवाया जाऐ एवं समझाइश की जावे सात दिन के बाद फिर से सर्वे कर उसी घर के कूलर के पानी को जाॅचा जाऐ यदि उसमे फिर से लार्वा पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति को जुमार्ना लगाया जाऐ। मौसमी बीमारियों से बचार एवं उपचार की जानकारी उपलब्ध कराने की दृष्टि से सभी चिकित्सा संस्थानों यथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपकेन्द्रो में आने वाले मरीज और उनके परिजनों को मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु महत्वपूणर् जानकारी दी जा रही है। साथ ही सोर्स रिडक्शन यथा कूलर, टंकियों, गमले, परिण्डे आदि को चैक कर लार्वा पाए जाने पर नष्ट करने की कायर्वाही की जा रही है।