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मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन को मिला विश्व स्वास्थ्य संगठन- विश्व तंबाकू निषेध दिवस -2021 पुरस्कार

दतिया @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>> हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन, (डब्ल्यूएचओ) तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए विश्व के छह डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों में से प्रत्येक में व्यक्तियों या संगठनों को अपना सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान करता है। यह पुरस्कार डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक विशेष मान्यता पुरस्कार और विश्व तंबाकू निषेध दिवस पुरस्कारों के रूप में होते हैं ।

इस वर्ष दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में नागरिक समाज संगठन के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पुरस्कार मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन (एमपीवीएचए) को तंबाकू नियंत्रण के प्रयासों के लिए दिया गया है। एमपीवीएचए देश का एकमात्र नागरिक समाज संगठन है जिसे इस वर्ष यह पुरस्कार मिला है। इस वर्ष डब्ल्यूएचओ महानिदेशक विशेष पुरस्कार डॉ हर्षवर्धन, माननीय मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत गणराज्य को दिया गया है।

एमपीवीएचए हमेशा विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में प्रदेश सरकार को सहयोग करता है । एमपीवीएचए तंबाकू के खतरे से महिलाओं और गरीबों सहित युवाओं और कमजोर लोगों की रक्षा के लिए राज्य में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह पुरस्कार प्रदेश में तम्बाकू नीतियों की उन्नति में एमपीवीएचए के योगदान की मान्यता है।

एमपीवीएचए के कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि हम यह पुरस्कार मध्य प्रदेश की जनता एवं स्वयं सेवी संस्थानों को समर्पित करना चाहते हैं । प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शिक्षा आयुक्त, संभागीय आयुक्तों, प्रशासनिक एवं पुलिस अकादमियों के निदेशकों, जिला कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक, राज्य के विभिन्न भागों में कार्यरत एमपीवीएचए सदस्य संगठनों ने एमपीवीएचए द्वारा राज्य में आयोजित विभिन्न तंबाकू नियंत्रण गतिविधियों के लिए सराहनीय समर्थन दिया है। राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए समय-समय पर अधिकारियों द्वारा आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए हैं।

एमपीवीएचए मध्य प्रदेश में पिछले दो दशकों से तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर काम कर रहा है और इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज के सहयोग से राज्य-तंबाकू-नियंत्रण-प्रकोष्ठ के साथ मिलकर तम्बाकू नियंत्रण पर क्षमता वर्धन , तम्बाकू नियंत्रण पर शैक्षिक सामग्री का उत्पादन करने के साथ ,जागरूकता बढ़ा रहा है और साथ ही सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम – 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रयास कर रहा है। जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में तंबाकू सेवन में कमी आई है।

राज्य के वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण के अनुसार 2009 में प्रदेश में तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 40% से घटकर वर्ष 2016 में 34% हो गया है और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों का प्रतिशत 2009 में 40% से घटकर वर्ष 2016 में 24% हो गया। यह कहने में संकोच नहीं है की कि राज्य में कुछ बहुत अच्छे अधिकारी हैं जो एमपीवीएचए के साथ प्रदेश के लोगों को तंबाकू के खतरे से बचाने के लिए तहे दिल एवं कटिबद्ध तरीके से योगदान दे रहे हैं ।

मध्य प्रदेश में तंबाकू रोकथाम और नियंत्रण के लिए एमपीवीएचए के कुछ प्रयास इस प्रकार हैं:
क्षमता वर्धन : प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस, पंचायत, नगरपालिका , न्यायिक, पुलिस और प्रशासनिक अकादमियों से लगभग 10,000 कानून लागू करने वाले अधिकारीयों को प्रशिक्षित किया। 5 राज्यों के लिए WHO के सहयोग से स्वास्थय स्वस्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण पर राज्य और क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन किया। राज्य स्तरीय कार्यशालाएं, 50 जिला स्तरीय कार्यशालाएं, 150 ब्लॉक स्तरीय उन्मुखीकरण , पंचायत स्तरीय उन्मुखीकरण और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए।
नेटवर्किंग: राज्य में नागरिक समाज का स्थापित नेटवर्क।
अनुसंधान: कई अनुपालन और शोध अध्ययनों को अंजाम दिया और उनका समर्थन किया।

नीति: सरकार को तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण पर प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने में तकनीकी सहयोग ।
विभिन्न समितियों में सदस्य: राज्य स्तरीय समन्वय समिति में सदस्य।
तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रवर्तन में सहायता: प्रवर्तन अभियान में राज्य और जिला प्रशासन को सहयोग ।

COVID और तंबाकू: कोविड -19 महामारी के दौरान जिला कलेक्टरों की मदद से सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और 40 जिलों में थूकने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रयास।

परिणाम:
• मप्र देश में गुटखा पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य बना।
• इंदौर देश में सबसे पहले हुक्का पर प्रतिबंध लगाने वाला था।
• एमपीवीएचए ने तंबाकू नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों से लगभग 400 आदेश जारी करना सुनिश्चित किया है।
• कई जिले जिला प्रशासन द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कानून -कोटपा-2003 की विभिन्न धाराओं के अनुपालन में अग्रणी घोषित किये गए । उक्त जानकारी मुकेश कुमार सिन्हा कार्यकारी निदेशक, मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन व बकुल शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी ने दी।