घुट घुट कर जीने से अच्छा है इच्छा मृत्यु दे दो-राधावल्लभ शारदा
भोपालDesk/ @www.rubarunews.com- एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांताध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र के बाद अपने निवास पर पुलिस को कथन दिया है। उन्होंने भृष्टाचार की शिकायत की थी। शिकायत के बाद टीटी नगर थाना पुलिस ने कथन दर्ज कर लिए लेकिन एफआईआर दर्ज नही की, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह द्वारा किए गए इस भृष्टाचार मामले की शिकायत सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली भी की गई थी। उसके बाद से शारदा को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थी।
श्री शारदा ने पुलिस को अपने कथन में बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आने के बाद में मेरे द्वारा की गई शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया यह भी एक भृष्टाचार है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में मेरे द्वारा एक पत्र लिखकर डाक द्वारा भेजा गया था तब से जान से मारने कि धमकियां मिल रही थी। मेने टीटी नगर थाने से लेकर डीजीपी तक गुहार लगाई लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। तत्कालीन टीआई कामले मेरे निवास पर भी आए एवं कथन लिए गए । उसके बाद भी एफआईआर नही लिखी गयी। दूसरी बार सुदामा ठाकुर मेरे निवास पर आए और कथन लिए गए । मुझे लगातार धमकियां मिलने लगी तो मैने सुरक्षा की मांग कि, लेकिन न तो सुरक्षा मिली और न ही एफआईआर लिखी गयी। लगता है मेरे द्वारा की गई शिकायत की एफआईआर उदयपुर में हुई घटना जैसी घटना होने पर होगी। उन्होंने पुलिस के इस रवैये एवं लगातार मिलने वाली धमकियों से परेशान होकर कथन में ही प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की इच्छा जताई है। जिसमे कहा गया है कि इस तरह दहशत में घुट घुट कर जीने से तो अच्छा है कि मुझे इच्छामृत्यु दे दी जाए।
बता दें श्री शारदा 85 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ ही एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांताध्यक्ष है। उनकी एक आवाज पर मप्र के हजारों पत्रकार खड़े होते है बावजूद वो शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखकर भृष्टाचार के मामले उजागर करते रहते है। इसी के चलते उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है