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प्रदेश किशोरों में तंबाकू सेवन में भारत में 29 वें स्थान पर- ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS)

प्रदेश किशोरों में तंबाकू सेवन में भारत में 29 वें स्थान पर- ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS)

दतिया/ इंदौर @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>> मध्य
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS) युवाओं में तंबाकू के उपयोग (धूम्रपान रहित और धूम्रपान) की व्यवस्थित निगरानी और प्रमुख तंबाकू नियंत्रण संकेतकों पर नज़र रखने के लिए एक वैश्विक मानक है। भारत में GYTS वर्ष 2003, 2006, 2009 और में किए गए। वर्ष 2019 के सर्वेक्षण के निष्कर्ष 10,अगस्त, २०२१ को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए। (GYTS) में 13 से 15 साल के युवाओं का सर्वे किया गया। भारत के 987 स्कूलों के कुल 80,772 छात्रों का सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (IIPS), मुंबई द्वारा किया गया था।

भारत में युवाओं के बीच तंबाकू की खपत में गिरावट देखी गई है। सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि वर्तमान में भारत में 8.5 प्रतिशत युवा (13-15 वर्ष की आयु) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। वर्ष 2009 में यह 14.6% थी। भारत में कुल 9.6% लड़के और 7.4% लड़कियां (13-15 आयु) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश में युवाओं में सबसे कम तंबाकू का सेवन 1.1% है और अरुणाचल और मिजोरम में युवाओं में सबसे अधिक तंबाकू का सेवन है, जिसमें 13-15 वर्ष की आयु के 57.9 प्रतिशत युवा तंबाकू का सेवन करते हैं।

GYTS में तंबाकू के सेवन की शुरुआत की उम्र, परोक्ष धुम्रपान , तंबाकू के विज्ञापन आदि के संपर्क में आने की उम्र का भी अनुमान लगाया गया है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि कक्षा में केवल 37.8% युवाओं को तंबाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में पढ़ाया गया । यह भी पाया गया कि 19.5 प्रतिशत युवा आमतौर पर स्कूल में धूम्रपान करते हैं जो काफी चिंताजनक है। भारत में सिगरेट सेवन की शुरुआत की औसत आयु 11.5 वर्ष, बीड़ी 10.5 वर्ष और धुआं रहित तंबाकू 9.9 वर्ष है।

युवाओं में तंबाकू सेवन के मामले में मध्य प्रदेश भारत में 29वें स्थान पर है, मध्य प्रदेश में 3.9 प्रतिशत युवा (13-15 वर्ष की आयु) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। राष्ट्रीय औसत 8.5 प्रतिशत है।
मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक, मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि “GYTS सर्वेक्षण से पता चलता है कि तंबाकू नियंत्रण में महत्वपूर्ण प्रयासों के परिणामस्वरूप युवाओं में तंबाकू की खपत में गिरावट आई है। लेकिन हमें संतुष्ट नहीं होना चाहिए क्योंकि भारत में युवाओं के बीच कुल 8.5 प्रतिशत तंबाकू का उपयोग दर्शाता है कि अभी भी बहुत सारे प्रयासों की आवश्यकता है और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और हुक्का पार्लर जैसे उभरते उत्पाद एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं।

शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की दुकानों को हटाए जाने की सख्त जरुरत है, तंबाकू उत्पादों / पान मसाला के आकर्षक विज्ञापन पर सख्ती से प्रतिबन्ध और हुक्का बारों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। आजकल दुकानों के अन्दर चमकदार प्रकाशित तम्बाकू प्रचार के बोर्ड लगे रहते हैं जिसे रोकना जरुरी है।

किशोरों को बचाने के लिए भारतीय तंबाकू नियंत्रण अधिनियम, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम को लागू करने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है और तम्बाकू नियंत्रण को नशामुक्ति अभियान का एक हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है । विस्तृत मध्य प्रदेश राज्य विशिष्ट तथ्य पत्र आने वाले महीनों में प्रकाशित किया जाएगा। उक्त जानकारी मुकेश कुमार सिन्हा कार्यकारी निदेशक, मध्य प्रदेश वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ने दी।