गुरुकुल में लगी आग 3 बच्चे झुलसे, 2 की हालत गंभीर
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>>नैनवां उपखंड के तलवास ग्राम में संचालित श्रीमद गुरूकर्णी गुरुकुलम में बीती रात आग लगने से तीन बच्चे गंभीर रुप से झुलस गए। तीनों बच्चों को निजी वाहन से नैनवां अस्पताल लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद 108 एंबुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दो बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण कोटा रैफर किया गया। इसके बाद बच्चे की ज्यादा हालत बिगडने पर जयपुर रैफर किया गया है। घटना देर रात एक बजे करीब की है जब सभी बच्चे सो रहे थे। शॉर्ट सर्किट से आग लगने बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस आग के कारणों की जांच में जुटी है।
गुरुकुल में आग लगने की घटना में झुलसे तीन बच्चों में 14 वर्षीय रितेश शर्मा पुत्र लोकेश का कोटा मे उपचार चल रहा है, जबकी 13 वर्षीय शिवशंकर शर्मा पुत्र मनोज को जयपुर रैफर कर दिया है। 14 वर्षीय अभिजीत शर्मा पुत्र सांवरा का उपचार जारी हैं। नैनवां पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल ने कोटा अस्पताल जाकर घायल बच्चों से मुलाकात की। फिलहाल पुलिस गुरुकुल में आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। आचार्य का कहना है कि बच्चों का उपचार चल रहा है। बच्चों के परिजनों को भी इस घटना के बारे में जानकारी दे दी गई है।
आग की घटना की जानकारी लगने के बाद तहसीलदार रामराय मीणा गुरुकुल पहुंचे और घटनास्थल का मौका मुआयना किया। घटना स्थल को देखकर शॉर्ट सर्किट से आग लगने जैसा नहीं लगा, सभी पंख चल रहे हैं। कहीं भी दीवारों व गेट खिडकियो पर धुंए के निशान भी नजर नहीं आ रह है। केवल फॉम के चार गद्दे जले हुए हैं, गद्दे के ऊपर बिछाई गई चादर भी सेफ है, ऐसे में आग का यह पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। फिलहाल, मामले में जांच जारी है। वहीं तीनों बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
गुरुकुल के आचार्य सुरेश शर्मा का कहना है कि बुधवार रात साढे दस बजे तक उन्होंने 14 बच्चों की क्लास ली। इसके बाद 10 बच्चे हॉल और 4 बच्चे हॉल के बाहर सो गए। हॉल में एक पंखा और कूलर चल रहा था। आचार्य ने आशंका जताई कि पंखे से हुए शार्ट सर्किट से निकली आग की चिंगारी गद्दे पर गिरी और आग लग गई। इससे गद्दों पर सो रहे बच्चे आग की चपेट में गए। बच्चों का शोर सुना तो दौडकर पहुंचे, तुरंत बच्चों को आग से बाहर निकाला। मगर तब तक तीन बच्चे झुलस गए। जिन्हें नैनवां अस्पताल ले गए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को बूंदी रैफर कर दिया गया।