महिलाओं पर होने वाली हिंसा रोकने प्रभावी प्रयास जरूरी- डॉ. विनीत कपूर डीआईजी
दतिया @Rubarunews.com/ Peeyush Rai >> मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय के तत्वावधान में सामुदायिक पुलिसिंग (कम्युनिटी पुलिसिंग) के द्वारा महिला हिंसा, लैंगिक हिंसा के विरुद्ध तथा जेंडर, समता-समानता, नारीवादी सोच के प्रति समुदाय को संवेदनशील बनाने 80 स्वयंसेवी संस्थाओं व 40 पुलिस अधिकारियों एएसपी व डीएसपी को राज्यस्तरीय मुख्य प्रशिक्षक प्रशिक्षण (TOT) मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौरी, भोपाल में आयोजित किया गया।
आयोजित मुख्य प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (TOT) में मुख्यअतिथि अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अनिल कुमार, DIG सामुदायिक पुलिसिंग डॉ. विनीत कपूर, AIG अमृत मीणा, प्रशिक्षक सारिका सिन्हा उपस्थित थे। मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस सुरक्षा योजना के अंतर्गत नगर एवं ग्राम रक्षा समितियों हेतु क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। सामुदायिक सुरक्षा और जेंडर आधारित हिंसा से बचाव में नगर व ग्राम रक्षा समितियों की भूमिका इस कार्यक्रम की थीम थी जिम्मेदार मर्दानगी।
मुख्यअतिथि अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अनिल कुमार ने सहभागी प्रशिक्षकों से क्षेत्रीय स्थिति व रक्षा समितियों की सक्रियता के बारे में जानकर समितियों के पुनर्गठन व प्रशिक्षित करने की बात कही। स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर मध्यप्रदेश पुलिस महिला हिंसा, जेण्डर भेदभाव पर सामुदायिक जागरूकता की मुहिम हिंसा को कम करेगी।
डीआईजी कम्युनिटी पुलिसिंग डॉ. विनीत कपूर ने बताया कि सामाजीकरण या जेंडर केवल महिलाओं और पुरुषों को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करता है। सामाजीकरण से निकलती है मर्दानगी। इस हेतु हम सबको मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। डीआईजी डॉ कपूर ने मध्यप्रदेश सामुदायिक पुलिस सुरक्षा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस व स्वयंसेवी संगठनों के सयुंक्त अभियान से जिम्मेदार मर्दानिगी अभियान पर प्रकाश डाला।
एआईजी अमृत मीणा द्वारा ग्राम एवं नगर रक्षा समिति अधिनियम 1999 का प्रस्तुतिकरण किया। जिसमें गठन, सदस्यता की पात्रता, समाप्ति, कार्य, उत्तरदायित्व आदि की व्यापक जानकारी व कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।
राज्यस्तरीय प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय से चयनित दतिया जिलों से स्वदेश ग्रामोत्थान समिति (नवांकुर संस्था) व जिला समन्वयक बच्चों की न्याय तक पहुँच कार्यक्रम से रामजीशरण राय, अशोककुमार शाक्य ब्लॉक समन्वयक धरती संस्था, सुश्री शाहजहाँ कुरैशी नाज संस्था, डीएसपी महिला सुरक्षा राकेश शर्मा, ग्वालियर सीआईडी संस्था से राजेंद्र सोनी, भोपाल से सुश्री प्रार्थना मिश्रा संगिनी संस्था, सुश्री स्मृति शुक्ला, सुश्री सरस्वती भाटिया टीकमगढ़ से मनोजबाबू चौबे, राजगढ़ से रितेश शर्मा, छतरपुर से अफसर जहाँ, अशोकनगर से डीएसपी सुश्री आरती शाक्य, विवेक रघुवंशी, मुरैना से सुश्री आशा सिंह, डीएसपी महेश शर्मा, छिंदवाड़ा से योगेन्द्र महेर्शिया, नीमच से डीएसपी महेश दुबे, सीहोर से जीत परमार, बलवान सिंह ठाकुर आदि 120 मुख्य प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
सीनियर जेंडर रिसोर्सपर्सन सुश्री सारिका सिन्हा ने कहा कि हम पैदा तो इंसान होते हैं, लेकिन जेंडरभेद हमें विभक्त कर देता है। उन्होंने घरेलू हिंसा क्या है? जेंडर भेदभाव को समझाने के लिए एक वीडियो, प्राकृतिक लिंग व सामाजिक लिंग क्या है दोनों में क्या अंतर है विषय पर व्यापक जानकारी डेरे हुए प्रशिक्षित किया। महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा का डेटा जॉयत्री व जितेंद्र (UN Women) ने, सुश्री आशा मिश्रा संगिनी संस्था द्वारा महिला हिंसा के विभिन्न प्रतिरूपों को बताया गया।
प्रशिक्षण में उपस्थित सदस्यों द्वारा लोकगीत, मुहावरों, लोकोक्तियाँ, फिल्में व गीत जो मर्दानगी पर बने हैं। उन पर प्रतिभागियों ने प्रस्तुतियाँ दी। सम्मिलित पुलिस अधिकारियों व संस्था पदाधिकारियों ने जिला स्तरीय प्रशिक्षणों की रूपरेखा बनाकर संभागवार प्रस्तुत की गई। उक्त जानकारी रामजीशरण राय (मुख्य प्रशिक्षक, जिम्मेदार मर्दानिगी) ने दी।