क्राइमदतियामध्य प्रदेश

पंचायतराज संचालनालय से उपसंचालक भोपाल से रीवा पहुँचे

 

रीवा @rubarunews.com>>>>>>>> पंचायत राज संचालनालय भोपाल से रीवा में ग्राम पंचायतों की जांच के लिए उपसंचालक रतन कुमार श्रीवास्तव को भेजा गया है। जिनका दौरा 31 जनवरी 2021 तक बताया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 28 जनवरी 2021 को जनपद पंचायत गंगेव में रतन कुमार श्रीवास्तव ने डेरा डाला और पंचायती कार्यों से संबंधित नोटशीट, योजनावार समीक्षा, जानकारी, नस्ती, अभिलेख केशबूक, आदि का निरीक्षण किया।

*कहीं रतन श्रीवास्तव का निरीक्षण भी न हो जाए औपचारिक*

बता दें इसके पहले भी जब वर्ष 2019 में कराधान घोटाला हुआ था तो गंगेव जनपद की 38 पंचायतों में घोटाले की जांच करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से अधिकारियों का एक समूह पिछले साल रीवा आया था जो जांच करने के बाद जब वापस लौट रहा था तो सागर के पास किसी रेलवे स्टेशन में रेलवे पुलिस के द्वारा छापामार कार्यवाही में 5 लाख रु नगद के साथ बरामद हुआ था जो काफी चर्चा का विषय बना था। अब देखना यह है कि जो जांच टीम रतन श्रीवास्तव उपसंचालक पंचायत राज संचालनालय की अगुवाई में आई है वह क्या कारनामा कर की जाती है।

*50 करोड़ से अधिक धारा 40-92 की वसूली, ढाई सौ से अधिक पंचायतें*

बता दें कि रीवा जिले की 827 पंचायतों में से लगभग ढाई सौ से अधिक पंचायतों में पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993-94 की धारा 40 एवं 92 के तहत वसूली एवं पद से पृथक करने की कार्यवाही चल रही है जिसमें 50 करोड़ से अधिक शासकीय राशि का बंदरबांट सिद्ध हुआ है परंतु अब तक सरपंच सचिवों के द्वारा इस राशि को सरकारी खजाने में जमा नहीं किया गया है। ऐसे में जाहिर है कि उप संचालक पंचायत राज संचालनालय भोपाल रतन श्रीवास्तव की जांच और निरीक्षण किन-किन बिंदुओं पर केंद्रित रहती है और उन्हें उनकी जांच में क्या कुछ मुद्दे सामने रहेंगे यह महत्वपूर्ण रहेगा।

रीवा जिले में चाहे वह 75 पंचायतों में कराधान घोटाला रहा हो अथवा ग्राम पंचायतों में एलईडी लाइट के नाम पर किया गया घोटाला। ग्रेवल रोड, पीसीसी, पुलिया, रपटा, सड़क, आवास, शौचालय सब कुछ प्रश्न के दायरे में है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि उपसंचालक रतन श्रीवास्तव क्या कुछ जांच कर पाएंगे और क्या निष्कर्ष निकालेंगे?