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हत्यारों और बलात्कारियों की सजा खत्म करना मानवता को शर्मसार करने वाला निर्णय

उच्च पदों पर बैठकर नारी हित की बड़ी-बड़ी बात करने वालों के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश बेहद जरूरी: नारी चेतना मंच
दतिया/ रीवा @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>> बलात्कारियों का सार्वजनिक अभिनंदन, देश समाज और मानवता के लिए अत्यंत शर्मनाक और कलंक पूर्ण आपराधि चेतना मंच के संयोजक समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे, नारी चेतना मंच की पूर्व अध्यक्ष मीरा पटेल, मीना वर्मा, नजमुन्निशा, सुशीला मिश्रा एवं नारी चेतना मंच की युवा नेत्री खुशी मिश्रा ने कहा है कि आमतौर पर देखने को मिलता है कि बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा फांसी देने या फिर मृत्यु होने तक जेल में रखने की मांग होती है। लेकिन यह भारी विडंबना है देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बलात्कारी हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा से आजाद करके उनका नागरिक अभिनंदन किया गया।

76 वें स्वतंत्रता दिवस के दिन आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर यह देखने में आया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के हित के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हुए नारी के मान सम्मान को लेकर भावुक हो रहे थे वहीं उनके गृह राज्य गुजरात में उनकी पार्टी भाजपा की सरकार के द्वारा स्वतंत्रता के उस पावन अवसर पर गर्भवती बलात्कार पीड़िता बिलकिस बानो के साथ सन 2002 में हुए सामूहिक बलात्कार और उसकी बच्ची एवं परिवार के कई सदस्यों की नृशंस हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहे 11 बर्बर अपराधियों को नेक चाल चलन के नाम पर न सिर्फ जेल की सजा से आजाद किया गया बल्कि उनका नागरिक अभिनंदन भी होने दिया।

सामूहिक बलात्कार हत्या के मामले के अपराधियों के साथ युद्‍ध विजेताओं जैसा सार्वजनिक अभिनंदन मानवता को शर्मसार करने वाला है। जन संगठनों ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, आपत्तिजनक, शर्मनाक बताते हुए इस बात की तीव्र भर्त्सना की है। सामूहिक बलात्कार और नृशंस हत्या जैसे मामलों में जो लोग बिना मुकदमा चलाए ही आरोपियों को फांसी दो, फांसी दो की बात करते रहे हैं, वही लोग फांसी देने की बात तो दूर, बलात्कारियों को न्यायालय के द्वारा दी गई आजन्म कारावास की सजा को सरकार के द्वारा माफ कराकर उन्हें जेल से रिहा कराने में गर्व महसूस कर रहे हैं।
ऐसे जघन्य अपराध में लिप्त अपराधियों का नागरिक अभिनंदन पूरी मानवता, समाज और देश के लिए अत्यंत शर्मनाक कलंकपूर्ण व आपराधिक कृत्य है। इसके साथ ही उच्च पदों पर बैठकर नारी हित की बड़ी-बड़ी बात करने वालों के दोहरे चरित्र को देशवासियों को समझने की बेहद जरूरत है।