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ठोस क्रियान्वयन के लिए निरंतर सत्यापन किया जाए- राज्यपाल श्री पटेल Continuous verification should be done for concrete implementation – Governor Shri Patel

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>> ठोस क्रियान्वयन के लिए कार्यों का निरंतर सत्यापन किया जाना आवश्यक है। प्रगति की जानकारियों को निरंतर ज़मीनी हकीकतों के साथ रेखांकित किया जाना चाहिए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की आज राजभवन में समीक्षा करते हुए कहा  । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने राष्ट्रीय टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम में संचालित प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि टी.बी. उन्मूलन प्रयासों में सामूहिक सहभागिता को मज़बूत बनाया जाए। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में विशेष प्रयास किए जाएँ। निःक्षय मित्र की सहमति प्राप्त करने का अभियान चलाया जाना चाहिए। प्रभावित क्षेत्रों में क्षय रोग सम्बन्धी जानकारियों की प्रचार सामग्री का घर-घर वितरण सुनिश्चित किया जाए।

ठोस क्रियान्वयन के लिए निरंतर सत्यापन किया जाए- राज्यपाल श्री पटेल Continuous verification should be done for concrete implementation – Governor Shri Patel

राज्यपाल श्री पटेल ने राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन के अंकार्य की जानकारी ली और प्रगति की मैदानी समीक्षा की ज़रूरत बताई। उन्होंने कहा कि संकलित जानकारियों के प्रमाणीकरण के लिए क्षेत्र में नमूना अध्ययन के कार्य भी किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एनीमिया रोग के उपचार के लिए आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रसार के प्रयास ज़रूरी हैं। आयुष विभाग द्वारा पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का परीक्षण किया जाए। उपचार और औषधियों के प्रमाणीकरण की कार्रवाई की जाए। उन्होंने जनजातीय परंपरागत चिकित्सा को भी मुख्य धारा में लाने के प्रयासों की ज़रूरत बताई।

जानकारील दी गई कि प्रदेश के 12 जिलों में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। रोग उन्मूलन के प्रयासों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के लिए 10 फरवरी को सभी 12 चिह्नित जिलों में घर-घर जाकर औषधि का वितरण किया जाएगा। बताया गया कि निरंतर 4 वर्ष तक रोग की समीक्षा के बाद ही जिले को फायलेरिया रोग मुक्त घोषित किया जाता है। सागर और छिंदवाड़ा जिले रोग मुक्त होने के कगार पर हैं। कोविड की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध में बताया गया कि प्रदेश में एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।

जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव बी.एस. जामोद, आयुष आयुक्त सुश्री सोनाली पोक्षे वायंगणकर, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्रियंका दास, विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी, आई.सी.एम.आर. जबलपुर और जनजातीय प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि मौजूद थे।