मध्य प्रदेशशिक्षा

स्कूल खुलने के बाद छात्रों के चेहरों पर दिखी खुशी

भिण्ड.Desk/ @www.rubarunews.com>> डेढ़ साल के बाद सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में एक बार फिर से रौनक लौट आयी। जहां कई एक साल सात महीने के बाद स्कूल पहुंचे बच्चे खुश नजर आए, तो दूसरी तरफ शिक्षक-शिक्षिकाएं भी काफी उत्साहित दिखाई दी। कोरोना के मामले कम होने के बाद गत् 1 सितंबर से स्कूल खुलने के बाद सुबह बच्चे स्कूल जाते हुए दिखे। बीते दिनों प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि छठी से बारहवीं तक के छात्रों के लिए एक सितंबर से स्कूल खोलने के निर्देश दिए थे। भिण्ड के इन स्कूलों में पहले दिन छात्रों में गजब का उत्साह दिखा। छात्र, अच्छी खासी संख्या में स्कूल पहुंचे। शिक्षकों द्वारा छात्रों के परेंट्स से संपर्क करके स्कूलों में भेजे जाने का आग्रह किया गया। वहीं कई छात्र स्वप्रेरणा से भी स्कूल आए। स्कूलों के अंदर 17 महीने बाद चहल पहल शुरू हुई। क्लास रूमों के ताले खोले गए। छात्रों ने डेस्क बोर्ड और टेबल कुर्सी को साफ करके बैठे। छात्र नए सिलेबर्स के साथ स्कूल आए। हालांकि पहले दिन की क्लास स्कूलों में तैयारी में बीती। स्कूल प्रबंधन छात्रों क्लासें नियमित कराए जाने को लेकर तालमेल बैठाता रहा। स्कूल सुबह साढ़े दस बजे के बाद खुले और सबसे पहले राष्ट्रीय गान के साथ प्रार्थना का आयोजन किया गया।

बाढ़ के पानी से 5500 छात्रों का रिकार्ड खराब

बाढ़ की चपेट में 76 स्कूलों (प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक) में करीब 55 सौ से अधिक छात्रों का रिकार्ड भी नष्ट हो गया है, जिसमें उनकी उपस्थिति रजिस्टर सहित रिजल्ट भी शामिल है, जिससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि स्कूल प्रमुखों ने इस संबंध विभाग को अवगत करा दिया है। लेकिन रिकार्ड खराब होने की वजह से इन छात्रों का भविष्य भी अधर में लट गया है।

स्कूल आने के लिए यह तीन शर्तें अनिवार्य

स्कूल में कार्यरत सभी स्टाफ को कोरोना से सुरक्षा के लिए टीके का कम से कम एक डोज लगा होना अनिवार्य होगा।

स्कूल आने वाले छात्रों को पालकों की सहमति लाना होगी। साथ ही कक्षा में 50 फीसदी से ज्यादा की उपस्थिति नहीं होगी।

कोविड- 19 के प्रोटोकॉल (मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन) का पूरा पालन करना होगा।