राजस्थान

कैंसर जांच लिए कोटा मेडिकल काॅलेज में स्थापित होगी एडवांस्ड लैब

नई दिल्ली/कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  कोटा सहित सम्पूर्ण हाड़ौती में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों को एक और सफलता मिली है। डिपार्टमेंट आफ हेल्थ रिसर्च (डीएचआर) और आईसीएमआर ने कोटा के मेडिकल काॅलेज में डायमंड्स प्रोजेक्ट के तहत एक एडवांस्ड लैब की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इस लैब में लंग और ब्रेस्ट कैंसर की विशेषज्ञ जांचें उपलब्ध होंगी। इस प्रोजेक्ट पर अगले पांच वर्षों में 3 करोड़ से अधिक राशि खर्च होगी।

भारत में बड़ी आबादी की एक सुव्यवस्थित और विनियमित कैंसर देखभाल प्रणाली तक पहुंच नहीं है। कैंसर के उचित उपचार में जांचों की अहम भूमिका है। यदि मरीज को समय पर त्रुटिरहित जांच रिपोर्ट मिले तो चिकित्सकों के लिए उपचार की सही दिशा तय करना आसान हो जाता है। इसकी को देखते हुए डीएचआर और आईसीएमबार ने एडवांस्ड माॅलिक्यूलर ओंकोलाॅजी डायग्नोस्टिक सर्विस (डायमंड्स) की शुरूआत की हे।

इस परियोजना के माध्यम से देश को चार जोन में बांट कर नौ जोनल कैंसर जांच लैब स्थापित की जाएंगी। इन लैब्स में सामान्य जांचों के साथ एडवांस्ड जांचों की भी सुविधा मिलेगी। जांच के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने के साथ विशेषज्ञ स्टाफ भी तैनात किया जाएगा।यहां आने वाले सैंपल्स का उपयोग कैंसर पर विभिन्न प्रकार के शोध के लिए भी किया जाएगा। स्पीकर बिरला के प्रयासों से इनमें एक जोनल कैंसर जांच लैब कोटा के मेडिकल काॅलेज में भी स्थापित होगी। इसके लिए डीएचआर-आईसीएमआर जल्द ही बजट तथा अन्य संसाधनों की स्वीकृति जारी कर देंगे।

लंग और ब्रेस्ट कैंसर पर जोर
डायमंड्स प्रोजेक्ट के तहत लंग और ब्रेस्ट कैंसर की जांच पर जोर दिया गया है। इसका प्रमुख कारण है कि भारतीय परिस्थितियों में पुरूषों में लंग (फैफड़े) और महिलाओं में ब्र्रेस्ट (स्तन) कैंसर के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत स्तन और फेफड़ों के कैंसर से संबंधित परीक्षणों की स्थापना, मानकीकरण और रिपोर्टिंग के लिए एक तेज और डिजिटल प्रणाली विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे।

चिकित्सा समुदाय को भी करेंगे जागरूक
प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में चिकित्सकों, प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मरीजों को भी लैब में उपलब्ध जांचों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों और मेडिकल काॅलेज के बीच कैंसर रोगियों को रैफर करने के लिए भी एक नेटवर्किंग सिस्टम विकसित किया जाएगा।

संसाधनों के लिए मिलेंगे 50 लाख
मेडिकल काॅलेज कोटा में स्थापित की जाने वाली लैब में उपकरणों व संसाधनों के लिए एक मुश्त 50 लाख रूपए उपलब्ध करवाए जाएंगे। लैब में साइंटिस्ट (सी), रिसर्च अस्सिटेंट, लैब टेक्निशियन, डाटा एंट्री आॅपरेटर तथा बहुउद्देशीय कर्मचारी के कुल 6 पद रहेंगे। स्टाफ, वर्कशाॅप, प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यों के लिए हर वर्ष करीब 55 लाख रूपए का बजट अलग से दिया जाएगा।

बिरला के प्रयासों से अब तक 26 करोड़ के प्रोजेक्ट
स्पीकर बिरला के प्रयासों से अब तक मेडिकल काॅलेज कोटा को करीब 26 करोड़ के प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुके हैं। इसमें 17 करोड़ की लागत वाली बीएसएल 3 लैब, 3 करोड़ का जीनोम सिक्वेंसिंग प्रोजेक्ट, 3.5 करोड़ का वायरल डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च प्रोजेक्ट तथा करीब 3.25 करोड राशि का डायमंड्स प्रोजेक्ट शामिल है।