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हाड़ौती की 21 कला, संस्कृति से जुडी संस्थाओं ने किया यूआईटी का अभिनन्दन

कोटा.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com- हर संघर्ष का परिणाम हमेशा बदलाव को प्रोत्साहित करता है और हाड़ौती की कला, सभ्यता, संस्कृति की प्रस्तुती का प्रतिक कला दीर्घा, ग्रामीण हाट बाजार व ऐतिहासिक बावड़ी के संरक्षण के लिए बने गई कला दीर्घा संघर्ष समिति के द्वारा शुरू किये गए संघर्ष का भी बेहद सुखद परिणाम निकला|

 राजस्थान सरकार के यूएचमंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhaliwal)  ने कोटा के कलाकारों के लिए विकास के दरवाजे खोल दिए और 5 फरवरी को दी गई सभी 12 सूत्रीय मांगे यूआईटी ने मान कर उस पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया | जिसके लिए कोटा व हाड़ौती में कार्यरत 21 कला, सभ्यता, संस्कृति, नाट्य, अभिनय, नृत्य, गायन, फिल्म जगत आदि से जुडी संस्थाओं ने यू आई टी व इनके विशेषाधिकारी आर डी मीणा का धन्यवाद मालायार्पण एवं आभार पत्र देकर डॉ. मुक्ति पराशर, डॉ. निधि प्रजापति, सुभाष सोरल, हरीश महावर, निर्मला दहिया, विवेक शर्मा, रमेश साहू, नंदू मस्ताना, रीना खंडेलवाल, कविता शर्मा, राज लक्ष्मी, विजय निगम सहित विभिन्न कलाकारों ने कला जगत के हृदय की मंशा का सम्मान करने के लिए किया |
इन 21 में संस्थाओं में इंटेक, रंगकर्मी एकता संघ, सोसाइटी हैस ईव-शी, हाड़ौती अर्टिजन डेवेलपमेंट सोसाइटी, प्रतिरूप आर्ट फाउंडेशन, हाड़ौती कला मंच, सुभाष कला संगम, कल्पित ‘एक प्रयास’, अखिल भारतीय कौशिक गायत्री परिवार, त्रिनेत्रा कथक अकादमी संस्थान, कलाकार फिल्म्स एंड इवेंट्स, प्रेरणा सेवा संस्थान, वीमेन वेलफेयर आर्गेनाईजेशन ऑफ वर्ल्ड, द इनसाइड स्टोरी, कोटा स्कूल ऑफ ड्रामा, कोटा क्रिएटर्स ग्रुप, सप्त श्रृंगार, नाट्य एवं संगीत संस्था कोटा,अमन क्लब, कोटा कलाकार सोसाइटी और मुक्ता कला केंद्र संस्थान ने सामुहिक रूप से मंत्री श्री शांति धारीवाल और यूआईटी विशेषाधिकारी आर डी मीणा का कला दीर्घा के सामने किसी भी प्रकार के व्यवसायिक वाहन बस, टेंपो, ऑटो आदि किसी भी परिस्थिति में खड़े न होने देने, ग्रामीण हाट बाजार को ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्वरूप प्रदान करते हुए उसे, ग्रामीण हाट बाजार, संग्रहालय और आर्ट गैलरी को सांस्कृतिक सर्किट के रूप में विकसित करने,किसी भी बस के आर्ट गैलरी की तरफ प्रवेश ना करें, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने उत्पाद और हस्तकला की वस्तुओं को प्रदर्शित करने के लिए दुकाने आवंटित करने, उनके स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने, क्षेत्र के विकास के लिए किसी भी प्रकार के पेड़-पौधों को हानि ना पहुचाने, भविष्य में यूआईटी के ऑडिटोरियम को रजिस्टर्ड कलाकारों की संस्थाओं को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए साल में कम से कम 5 बार निशुल्क उपलब्ध कराया जाने, ग्रामीण हाट बाजार का सौन्दर्यकरण करने के लिए धन्यवाद दिया | इस अवसर पर आर डी मीणा ने कहा की कला को हानि किसी भी शर्त पर नहीं पहुंचायी जाएगी | उस क्षेत्र के विकास के लिए और भी जो कोई सुझाव है वो कलाकार हमें दे हम उसे भी पूरा करेंगे और सबके सुझाव व सहयोग से उस क्षेत्र को ऐतिहासिक रूप से विकसित करेंगे |