राजस्थान

महिला जनप्रतिनिधियों ने समझी अपनी भूमिका …

राजसमंद.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com– जतन संस्थान रेलमगरा व द हंगर प्रोजेक्ट जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में महिला जनप्रतिनिधियों का दो दिवसीय कार्यशाला दिनांक 15 व 16 सितम्बर तक संस्थान के कार्यालय परिसर में आयोजन किया गया कार्यशाला में पंचायत सकरावास,चौकड़ी, रेलमगरा, पिपली डोडियान, ओड़ा व सादडी के कुल 24 महिला जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया |
सुमित्रा मेनारिया द्वारा बताया कि कार्यशाला का उदेश्य महिला जनप्रतिनिधियों के क्षमता की पहचान करना, राजनैतिक पहचान करवाना, भूमिका एवं जिम्मेदारियां से अवगत करवाना, सहयोगी ढांचा को समझ बनाना |
कार्यशाला के प्रथम दिन में महिला जनप्रतिनिधियों ने कोरोना में किस प्रकार के कार्य किये, किस-किस ने आपका साथ दिया, क्या सिखा, क्या चुनौतियाँ आई और सामाजिक भेदभाव और असर को समझा गया महिलाए अपने घर के कार्यो में से कैसे पंचायत के लिये समय निकाले, महिला पुरुष काम के बंटवारे को समझ बनी, महिलाए आम से खास है घर चलाने के साथ-साथ पंचायत चलाना सीखा, महिलाओ को संसार, भारत, राजस्थान, राजसमन्द, ब्लॉक रेलमगरा व पंचायत के मानचित्र के माध्यम से अपनी नागरिकता को समझने का प्रयास किया गया, सविधान में मिले मूल अधिकार को समझा और 73 वा संविधान में आये महत्वपूर्ण बदलाव के आधार पर पंचायतो को मिले अधिकार, आरक्षण, ग्राम सभा, वार्ड सभा, त्रिस्तरीय व्यवस्था में पंचायत, ब्लॉक, जिला पर राजनैतिक पद व प्रशासनिक व्यवस्था को समझा गया, अपनी पंचायत में भूमिका व जिम्मेदारियों को जाना गया |
कार्यशाला के दुसरे दिवस में श्यामा वैष्णव व सुनिल शर्मा द्वारा वार्ड और पंचायत के लिए सपना देखना है – वार्ड व पंचायत में क्या करना जरुरी है, वंचितों कि पहचान कर उनको लाभ से जोड़ना, इसके लिये सबसे पहले उठाये जाने वाले मुद्दों को समझना, स्वयं के कौशल का विकास करना, अपनी पंचायत के कार्य हेतु सहयोगी ढांचा की पहचान कर कार्य करना, क्या-क्या कार्य करना है पचायत की आयोजना बनाई गई |
इस प्रकार से अपनी राजनैतिक पहचान को समझते हुवे अधिकारों को जाना, घर के कामो के साथ साथ पंचायत कि जिम्मेदारियों को देखा, और योजनाओ पर जानकारी मिली |