आम मुद्देमध्य प्रदेश

बैंक-कियोस्क सेन्टरों के बाहर लगी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं पालन

भिण्ड.Desk/ @www.rubarunews.com>> बैंक-कियोस्क सेन्टरों पर इन दिनों रुपये निकालने के लिए बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की भीड़ उमड रही है और लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए पुलिस अधीक्षक ने प्रत्येक बैंक पर पुलिस के जवान सहित महिला कांस्टेबल लगा दिये हैं जिसके बाद भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। शहर के बैंक ऑफ बड़ौदा में बाहर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं की भीड़ रुपये निकलने के लिए लगी हुई थी और दो महिला कांस्टेबल आपस में गप्पे लड़ाते हुए देखा गया, जबकि उनकी ड्यूटी यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन का पालन करने के लिए लगाई जो नहीं की, इस दौरान कुर्सी डालकर आराम फरमाते हुए नजर आई। इसी तरह यूको बैंक में पेंशन व जनधन खातों से रुपये निकालने उपभोक्ताओं की बाहर बड़ी संख्या की भीड़ लगी हुई थी और सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था, बैंक के बाहर ड्यूटी पर तैनात पुलिस इस ओर ध्यान न देते हुए बैंक के अंंदर तांकझांक करते हुए देखा गया। सवाल इस बात का है कि एसपी द्वारा शहर के अन्दर बैंक व कियोस्कों सेन्टरों के बाहर ड्यूटी इसलिए लगाई गई है ताकि सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए महामारी फैलने से रोका जा सके, लेकिन पुलिस जवान ड्यूटी नहीं सिर्फ खाना-पूर्ति करते हुए देखे जा रहे हैं। प्रशासन की सख्ती के बाद भी बैंकों के बाहर लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। बैंक व कियोस्क सेन्टरों के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ रही। यहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही किसी ने मास्क लगा रखा है जिससे संक्रमण फैलने के डर से लोगों ने प्रशासन से लॉकडाउन का शत प्रतिशत पालन कराने की मांग की है। लॉकडाउन के चलते जरूरतमंदों के जनधन खातों में केंद्र सरकार की ओर से पांच सौ रुपये भेजे जा रहे हैं। इन रुपयों को निकालने के लिए बैंकों के बाहर सवेरे से ही लंबी लाइन लगनी शुरू हो जाती है। विगत दिनों जब ऐसा ही नजारा जब पुलिस प्रशासन को दिखाई दिया तो बड़ी संख्या मेंं कार्रवाई करते हुए महिलाओं को अस्थाई जेल तक भेज दिया था और जुर्माना भी ठोका गया था, जिसके बाद कई महिलाओं ने सीख नहीं ली। और बुधवार को फिर से ऐसा ही नजारा दर्जनों से अधिक बैंक व कियोस्क सेन्टरों के बाहर दिखाई दिया।

प्रशासन का सुस्त रवैया न बन जाये आफत

प्रधानमंत्री के आव्हान के बाद भी जिला प्रशासन का सुस्त रवैया कहीं लोगों के लिए आफत न बन जाये, 20 अप्रेल तक सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन करने के पुलिस को निर्देशित किया गया, जिसके बाद भी इस तरह की सडक़ों पर भीड़भाड़ देखी जा रही है और पुलिस के नुमाइंदे सिर्फ चौराहों पर खड़े होकर तमाशबीन बने हुए हैं। सुबह 10 बजे से लोगों पर डंडे बरसाते हैं लेकिन दोपहर होते होते शाम तक पूरी तरह से सुस्त हो जाते हैं।

500 रुपये की खातिर बुर्जुगों को छोड़ा सडक़ों

ऐसी गर्मी में वृद्ध महिलाओ का घर से निकलना बहुत ही परेशानी भरा है। आखिर किसने इन वृद्ध महिलाओं व बुर्जुगों को बैंकों के बाहर बैठने पर विवश कर दिया। प्रधानमंत्री ने जनता से अपील की है। बुजुर्ग माता-पिताओ को घरो के अंदर ही रखे उनकी सेवा करे। लेकिन बुजुर्गो को बैंकों के बाहर छोडक़र मोटर साइकिल से गलियों में खड़े हो जाते हैं। ऐसे लोगों पर पुलिस को नजर रखकर कार्रवाई करनी चाहिए।