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देश के लिए कुर्बान होने वाले शहीदों को नहीं मिला शहीद का दर्जा : दीक्षित

भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शहादत दिवस के मौके पर भारत की जनवादी नौजवान सभा(डीवायएफआई) एवं स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने शहर के नवादा बाग पार्क में एकत्रित होकर वीर शहीद प. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खाँन, राजेन्द्र नाथ लेहड़ी, रोशन सिंह को यार करने के लिए विचार गोष्ठी का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहाँ पर उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भारत की जनवादी नौजवान सभा डीवायएफआई के राज्य समिति सदस्य विक्रान्त दीक्षित ने बताया कि देश की आजादी के लिए तीन धाराएं लड़ रही थी एक समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ समाज सुधार के नाम से  दूसरी अहिंसा वादी आंदोलन के रास्ते एवं तीसरी क्रांतिकारी मोर्चा जो 1857 की क्रांति से शुरू होकर टंट्या भील 19वीं शताब्दी में गदर पार्टी, अनुशीलन समिति, हिंदुस्तान रिपब्लिक सोशलिस्ट एसोसिएशन आर्मी, नौजवान भारत सभा एवं आजाद हिंद फौज, नौसेना विद्रोह आदि अनेक संगठन थे। कुछ लोग माफीनामा लिखकर अंग्रेजों से पेंशन लेकर आजादी के आंदोलन में गद्दारी कर रहे थे। दीक्षित ने आगे कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी स्वाधीनता संग्राम सेनानी जिन्होंने अपने प्राण हंसते हंसते न्योछावर किए उन्हें अपनी सरकारों ने शहीद का दर्जा भी नहीं दिया उनके परिवार दर-दर भटक रहे हैं या गुमशुदा का जीवन जी रहे हैं आज काकोरी के बलिदानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए एवं दिल्ली किसान आंदोलन में शामिल होकर जो किसान शहीद हुए हैं उनके साथ सीमाओं पर शहीद जवानों को भी श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में डीवायएफआई राज्य समिति सदस्य विक्रान्त दीक्षित, शहर अध्यक्ष तुषार भदौरिया एसएफआई जिला महासचिव राजा राजौरिया,  सहसचिव शशांक यादव, गौतम यादव, विनय सिंह भदौरिया, संतोष कुशवाह, शिवम मिश्रा, शशांक यादव, सचिन तिवारी, इंद्रजीत राजौरिया, आदि लोग शामिल थे।