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डिजिटल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडियो ब्रॉडकास्टर भी श्रमजीवी पत्रकार माने जायेंगे 

नईदिल्ली.(UmeshSaxena) @www.rubarunews.com>>डिजिटल मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, से जुड़े साथी व रेडियो में काम करने वाले ब्रॉडकास्टर भी अब पत्रकार माने जायेंगे ,  अब अनुबंध पर काम करने वाले पत्रकारो व स्ट्रिंगरों को भी अब  सरकारी सुविधाएं मिलेगी।

इस बावत केंद्र सरकार ने 29 सितंबर 2020 को  जारी भारत का राजपत्र में अधिसूचना जारी कर  दी है.अधिसूचना में क्रमांक (zzm ) में स्पष्ट उल्लेख किया है कि “वर्किंग जर्नलिस्ट” का अर्थ एक ऐसा व्यक्ति है जिसका प्रमुख विमानन है की एक पत्रकार जो पूरे समय या अंशकालिक समय में एक, एक या एक से अधिक अखबार की स्थापना, या अन्य प्रतिष्ठान से संबंधित हो या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या डिजिटल मीडिया जैसे अखबार या रेडियो या अन्य लाइब्रेरी में कार्यरत हो। जिसमे एक संपादक, एक नेता-लेखक, समाचार संपादक, उप-संपादक, फ़ीचर-लेखक, कॉपीराइटिस्ट, रिपोर्टर, संवाददाता, कार्टूनिस्ट, न्यूज़-फ़ोटोग्राफ़र और प्रूफ-रीडर शामिल हो , लेकिन इसमें किसी भी ऐसे व्यक्ति को शामिल नहीं किया जा सकता  है जो मुख्य रूप से एक प्रबंधकीय, या प्रशासनिक क्षमता; पर्यवेक्षी में नियोजित होता है.”

ज्ञात हो कि  पत्रकारो की मांगों को लेकर 9 जुलाई, 2019 को भारतीय मजदूर संघ, के क्षेत्रीय संगठन मंत्री  पवन कुमार  की अगुवाई में  वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया  के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अनूप चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  संजय उपाध्याय, राष्ट्रीय महासचिव  नरेन्द्र भंडारी के साथ , नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, इंडिया के नेता  हेमंत विश्वोई , उमेश चतुर्वेदी, प्रमोद कुमार सैनी ,सुश्री सर्जना शर्मा व वरिष्ठ पत्रकार  केजी सुरेश , केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री  संतोष कुमार गंगवार  से मिले और उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन दिया । उक्त   ज्ञापन पर गंभीर रुख लेते हुए, केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री  ने डिजिटल मीडिया , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व रेडियो ब्रॉडकास्टर को भी , लेबर कोड्स , में शामिल करवाया।