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जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शिक्षकों के हवाले

श्योपुर Pratyksha saxena/ @rubarunews.com>>>> मध्यप्रदेश शासन का शिक्षा विभाग शिक्षा को लेकर भले ही कितने ही आदेश निकाल दे परन्तु जिले में बैठे जिला शिक्षा अधिकारी उन आदेशो को दर किनार करके अपने ही हिसाब से कार्य करते है।
ऐसा ही एक मामला श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में देखने को मिला है। यहाँ जिला शिक्षा अधिकारी ने कोरोना काल मे जारी आदेश हमारा घर हमारा विद्यालय योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ी है , इस योजना के तहत कोरोना काल मे बच्चो को विद्यालय ना बुलाकर उनके घर जाकर ही बच्चों को अध्यापन कार्य कराना है, परन्तु जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने कार्यालय को शिक्षकों के हवाले कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने
क्रमांक/स्थापना/2020/2815 दिनांक 16-10-2020 का एक पत्र जारी कर जिला शिक्षा कार्यालय में कार्य करने वाले 11 व्यक्तियों का कार्य विभाजन किया है, इन 11 लोगो में छः लोग विभिन्न विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक है, एवँ तीन ‘डीईओ’ कार्यालय में ,औऱ एक ‘बीईओ’ कार्यालय का बाबू भी शामिल है। शासन के नियम के अनुसार अटैचमेंट समाप्त किये जा चुके है लेकिन इसके बावजुद भी अटैचमेंट के आदेश को पलीता लगाते हए अपने चहेतों को अपने कार्यालय में काम करवा रहे है।
जिला शिक्षा अधिकारी के 16 अक्टूबर 2020 के आदेश में मान सिंह परमार माध्यमिक विद्यालय क्रमांक एक को आर.एम.एस.ए . शाखा, विधि शाखा, अनुदान शाखा, भारत सिंह सिकरवार शासकीय हजारेश्वर विद्यालय को क्रीड़ा एवँ रेडक्रॉस शाखा ,
त्र्यम्बक शर्मा माध्यमिक विद्यालय जेदा को शिकायत ( श्योपुर शाखा ) एवं मान्यता शाखा ,
सेवक राम जहाँगीड़ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मल्होत्रा को शिकायत विजयपुर( शाखा एवँ योजना शाखा) ,
लक्ष्मी नारायण अग्रवाल शासकीय माध्यमिक विद्यालय पंजाबी आबादी को परीक्षा शाखा,
प्रमोद कुमार गुप्ता शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय को परीक्षा शाखा सहायक का प्रभार सोपा गया है
वहीँ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यलय के सनी मंगल को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थापना ,विधानसभा अंशदान शाखा का प्रभारी बनाये जाने के आदेश जारी किए है।
यह तो सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षक कार्य कर रहे इसके अलावा की कई शिक्षक विभिन्न कार्यालयों में कार्य कर रहे है

शासन की योजनाए भली प्रकार चल रही हैं या नहीं इसका दायित्व बी ई ओ, बी आर सी व डाइट के प्रभारी प्राचार्य के साथ साथ संकुल केंद्र प्रभारियों की भी है लेकिन वे भी निजी स्वार्थों के चलते आंखे मूंदे बैठे हुए हैं।