मध्य प्रदेश

खण्ड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय बना भ्रस्टाचार एवं लूट का केंद्र

भिण्ड/गोहद.shashikantRathore/ @www.rubarunews.com>> वर्तमान खण्ड शिक्षा अधिकारी गोहद ने खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का व्यवसायीकरण कर भृष्टाचार व लूट का केंद्र बनाकर रख दिया है। मध्यप्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में सहायक संचालक श्रीमती मंजू बरोदिया के रूप में आदेश क्रमांक 6390 दिनांक 19-08-2019 के तहत खण्ड शिक्षा अधिकारी गोहद के पद पर पदस्थ किया है किन्तु किशनलाल शेजवार नियम विरुद्ध वेतन आहरण संवितरण का प्रभार लेकर कार्य कर रहे हैं। मूलरूप से किशनलाल शेजवार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य के रूप में पदस्थ हैं।

पूर्व से आरोपों से घिरे शेजवार की जाँच किये बिना ही किया प्राचार्य पद पर पदस्थ

ज्ञात हो कि शेजवार भृष्टाचार के चलते कन्या विद्यालय के कस्तूरबा छात्रावास में पाई गई अनियमितताओं के कारण आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के आदेश क्रमांक 1191 27 अगस्त 2018 के क्रम में निलंबित किया गया था। परन्तु वरिष्ठ अधिकारियों से साठ गांठ कर शेजवार को शासकीय कन्या विद्यालय में प्राचार्य के पद पर पदस्थ कर दिया गया जिसकी विभागीय जांच भी लम्बित है। प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी शेजवार द्वारा 50 से अधिक शिक्षकों को भृष्टाचार कर अन्य स्थानों पर अटेचमेंट भी किया गया इसकी पुष्टि आयुक्त चम्बल सम्भाग मुरैना के पत्र क्रमांक शिकायत 5528 03 दिसम्बर 19 एवं जिला शिक्षा अधिकारी भिंड के आदेश क्रमांक 1077 18 दिसम्बर 19 करता है।

फर्जी अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर निकाला वेतन संकुल प्राचार्य नहीं नियुक्ति की जानकारी

पैसा कमाने के ललक व वरिष्ठ अधिकारियों से सांठ गांठ में माहिर खण्ड शिक्षा अधिकारी किशनलाल शेजवार ने भृष्टाचार को यहीं विराम नही दिया, कई ऐसे अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर दिया जिसकी जानकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व संकुल प्राचार्य तक को नही थी शेजवार ने स्वयं के हस्ताक्षर से वेतन आहरण की प्रक्रिया पूरी कर रिकॉर्ड तैयार कर लिया यहाँ तक की कुछ अतिथियों का फर्जी भुगतान भी कर दिया गया। शेजवार ने समस्त नियमो को धता बताते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए आये एयर कंडीशनर एवं फर्नीचर को प्राचार्य कक्ष में सजा लिया गया। यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी शेजवार द्वारा अपने चहेते शिक्षकों का अटेचमेंट कर उनको शासकीय शिक्षकों के स्वत्वों व निजी विद्यालयों से अवैध रूप से धन उगाही/वसूली पर लगाया है। आयुक्त चम्बल सम्भाग द्वारा ऐसे शिक्षकों पर कार्यवाही करने के आदेश जारी किया गया था परंतु शेजवार द्वारा नियुक्त शिक्षकों पर कार्यवाही करेगा कौन? इसलिए आयुक्त के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शेजवार द्वारा जन सामान्य से भी बड़ी तादाद में चंदा वसूला गया है।

क्या शेजवार को है अधिकारियों और नेताओं का संरक्षण?

सूत्रों की मानें तो शेजवार को वरिष्ठ अधिकारियों व कुछ राजनेताओं से संरक्षण प्राप्त है इसके चलते पूर्व में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच किये बिना ही खण्ड शिक्षा अधिकारी बना दिया गया। इस भ्रष्ट अफसर पर शासन द्वारा कार्यवाही नही की गई तो ऐसे अधिकारी शिक्षा का व्यापारीकरण कर शिक्षा विभाग को भृष्टाचार व लूट का केंद्र बना देंगे साथ ही अन्य शिक्षक भी अध्यापन जैसे पवित्र कार्य को छोडक़र भृष्टाचार एवं अनियमितता जैसे मार्गो पर चलने को मजबूर होंगे तथा विद्यालय जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है? जहाँ से कई अफसर, जनसेवक निकलते है वो ऐसे अधिकारियों की वजह से बदनाम हो जायेगा अब देखने वाली बात यह है कि इस अधिकारी पर शासन कोई कार्यवाही करता है या भृष्टाचार और मनमानी करने के लिए छोड़ दिया जायेगा।

इनका कहना है:

अतिथि शिक्षकों वाले मैटर में मैंने तीन प्रचार्यों को नियुक्त किया था उसकी रिपोर्ट आने वाली है, रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्यवाही करेंगे। अगर शेजवार दोषी पाए गए तो अवश्य ही उनपर कार्यवाही करेंगे।

हरभवन सिंह तोमर -जिला शिक्षा अधिकारी