राजस्थान

आयुर्वेदिक काढ़े के आ रहे सुपरिणाम

बूंदी.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com>> कोरोना से मुकाबला कर रही आयुष टीम को लगातार सफलताएं मिल रही हैं। आयुर्वेदिक औषधियों से ना केवल संक्रमण रोकने में सफलता मिली है बल्कि अन्य शारीरिक परेशानियों से निजात मिलने से साइड बेनिफिट्स सामने आ रहे हैं। चंद्रकांता, रामप्रकाश, राकेश (परिवर्तित नाम) गैस, एसिडिटी, कब्ज, बदन दर्द ,बीपी आदि समस्याओं से परेशान थे। अब वे कहते हैं कि उन्हें इन परेशानियों से निजात मिली है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं। ऐसे अनेक लोग हैं जो क्वारंटीन या होम आईसोलेशन के दौरान आयुर्वेदिक काढ़ा एवं अन्य औषधियां लेकर राहत पा रहे हैं। जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय प्रभारी तथा क्वॉरेंटीन प्रभारी डॉ. सुनील कुशवाह ने बताया कि 12 मार्च से अब तक जिला आयुर्वेद चिकित्सालय द्वारा 24 हजार से अधिक लोगों को काढा पिलाया जा चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 281 क्वारेण्टीन/होम आइसोलेट व्यक्तियों समेत 1300 से अधिक हाइरिस्क ग्रुप (बच्चे,बुजुर्ग, कोरोना वारियर्स, बीपी,शुगर, अस्थमा, हृदय रोग इत्यादि) के लोगों को गाइडलाईन के अनुसार अश्वगंधा चूर्ण और विशेष काढा देकर संक्रमण से बचाकर स्वस्थ रखा जा रहा है। उन्होनंे बताया कि फीड बैक में सकारात्मक और उत्साहवर्धक परिणाम मिल रहे हैं।
डाँ. सुनील कुशवाह ने बताया कि कोरोना के लिए चल रहे पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में सकारात्मक और उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं। मुख्य लक्ष्य किसी भी तरह का संक्रमण रोकने के साथ साथ कई साइड बेनिफिट्स (अतिरिक्त लाभ) भी हुये जैसे कमजोरी,नींद न आना, हाथ पैर दर्द करना, भूख न लगना, मधुमेह,अस्थमा, उदर रोग,तनाव आदि .पायलट प्रोजेक्ट का दूसरा चरण 20 मई से चल रहा है उन्होंने बताया कि 185 में से 161 लोगों ने 14 दिन का ट्रायल पूरा किया.किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह का संक्रमण नही हुआ.इनमें से 21 लोगों को उच्च रक्तचाप,11 को मधुमेह, 8 को श्वासरोग, 14 को गठिया, जोडों में दर्द, 7 को अनिद्र, तनाव 25 को उदररोग – 32 को कमजोरी जैसे लक्षण थे.औषधियों से उनको भी काफी लाभ हुआ। उच्चजोखिम समूह(हाई रिस्क ग्रुप-बुजुर्ग,बच्चे,बीपी,शुगर,अस्थमा,कैंसर,हृदयरोग,वृक्क रोग से ग्रसित व्यक्ति,रेड जोन से आये व्यक्तियों) युक्त क्वारेण्टीनध्होम आइसोलेट लोगों पर विशेष फोकस किया जारहा है .टीम में डाँ पारूल सोनी,डाँ विकास शर्मा,कंपाउण्डर रमेश गौतम,रामप्रकाश वर्मा,जाकिर हुसैन कार्य कर रहे हैं.
ऋतु के अनुसार कर रहे औषधि परिवर्तन
डॉ कुशवाह ने बताया लगभग 200 क्वारेण्टीन/होम आइसोलेट लोगों की आयुष मंत्रालय की गाइडलाईन के अनुसार स्क्रिनिंग करके 14 दिन तक सवेरे शाम अश्वगंधा चूर्ण और वातश्लेष्महर क्वाथ गिलोय दिया जा रहा है। इसके अलावा आमजन को दिए जा रहे कार्य में मौसम और ऋतु के अनुसार परिवर्तन करते हुए ऐसा योग बनाया गया है जो कि गर्मी के दौरान संतुलन बनाए रखें और उष्णता ना होने दे।
बूंदी को मिली वाहवाही
निदेशक आयुर्वेद विभाग की सभी जिलों के आयुर्वेद उपनिदेशक और क्वारेण्टीन प्रभारियों के साथ विडियो कोंफ्रेंस में बुधवार को कोविड 19 में आयुर्वेद विभाग के कार्यों की समीक्षा कीगई आयुर्वेद निदेशक ने बूंदी को ग्रीन जोन मे रखने के लिये आयु्र्वेद विभाग बूंदी के प्रयासों और योगदान की सराहना की।
उपनिदेशक डा. हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये 3600 से अधिक को शुष्क काढा बाँटा गया। अब तक पूरे जिले मे 50000 से अधिक लोगों को काढा पिलाया गया है। यह संख्या प्रदेश में सर्वाधिक है।